झूठों को तख्तो - ताज की नेमत नसीब है ।
सच बात की सजा मिले कुछ ऐसा वक्त है ।
जो जितना बड़ा चमचा उसे उतना बड़ा ओहदा ,
अनशन में हैं बैठे यहाँ जो देश - भक्त हैं ।
कोई नही बोलेगा भ्रष्टाचार के खिलाफ ,
भ्रष्टाचारियों का ये ऐलान सख्त है ।
वो कह रहें हैं जल्दी ही बदलाव आएगा ,
ठहरो जरा "अभी देश लुटने में व्यस्त हैं ।
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