वो तहजीब क्या जो टूटकर बिखर जाये ,
वो तस्वीर क्या जो दिल में न उतर जाए ।
इश्क है आग जलाती है जो उमर भर को ,
ये वो जहर नही जो चढ़ के फिर उतर जाए ।
वो तस्वीर क्या जो दिल में न उतर जाए ।
इश्क है आग जलाती है जो उमर भर को ,
ये वो जहर नही जो चढ़ के फिर उतर जाए ।
No comments:
Post a Comment