वो कहते हैं हमसे की अब , बहुत शिकायत हम करते है |
प्यार वफा सब भूल गये हैं , झूठ - मूठ का गम करते है |
उनको हम समझा ना पाते , शिकवा गिला बता ना पाते,
और वो रुखी बातें करके , आँख हमारी नम करते है |
वही पुरानी बीती बाते , याद दिलाया करते है बस ,
ना जाने किस प्यार का यारो , इतना ज्यादा दम भरते हैं |
समझा लेते है हम मनको , सोचते है फिर कह दे उनको ,
हमको लगता है वो हमसे , प्यार पहले से कम करते है |
प्यार वफा सब भूल गये हैं , झूठ - मूठ का गम करते है |
उनको हम समझा ना पाते , शिकवा गिला बता ना पाते,
और वो रुखी बातें करके , आँख हमारी नम करते है |
वही पुरानी बीती बाते , याद दिलाया करते है बस ,
ना जाने किस प्यार का यारो , इतना ज्यादा दम भरते हैं |
समझा लेते है हम मनको , सोचते है फिर कह दे उनको ,
हमको लगता है वो हमसे , प्यार पहले से कम करते है |
No comments:
Post a Comment