उनके शहर में अपना भी आशियाँ होता ,
रोक लेते जो उसदिन वो हमे जाने से |
उन्हें मालूम था रूठना हमारी आदत है ,
न जाने क्यूँ मुकर गये हमे मनाने से |
रोक लेते जो उसदिन वो हमे जाने से |
उन्हें मालूम था रूठना हमारी आदत है ,
न जाने क्यूँ मुकर गये हमे मनाने से |
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