पागल बना रही है ये उमस भड़ी गर्मी ,
नागिन का रूप लेके जैसे डस रही गर्मी |
नागिन का रूप लेके जैसे डस रही गर्मी |
पंखे , ए सी , कूलर सब बेकार कर दिए,
लाचार करके सबको कैसे हंस रही गर्मी |
लगता है की अच्छे नही है इसके इरादे ,
जैसे की जान लेने को तरस रही गर्मी |
झुलसाये जा रही है ये हरियाली धरा की,
शोलों की तरह नभ से है बरस रही गर्मी |
ठंडी हवा के झोंके जैसे खाब बन गये ,
व्याकुल हुए दिन रात यूँ बेबस करे गर्मी |
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