नाराज है हमसे वो , क्यूँ सच बोल बैठे हम ,
जो राज दबी थी , उसे क्यूँ खोल बैठे हम |
वो शख्सियत अपनी खरा सोना समझते थे ,
निकला मगर खोटा जो उन्हें तोल बैठे हम |
जो राज दबी थी , उसे क्यूँ खोल बैठे हम |
वो शख्सियत अपनी खरा सोना समझते थे ,
निकला मगर खोटा जो उन्हें तोल बैठे हम |
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