बात बनाने जाते हैं और , ज्यादा बात बिगड़ जाती है ,
उलझन जब सुलझाते है , गलतफहमियां बढ़ जाती है |
उनको यकीं दिलाने को जब , प्यार जताने जाते है तो ,
देख के मेरा दीवानापन , और भी मुझसे डर जाती है |
गुम रहती है न जाने क्यूँ , नादानी , अल्हड़पन में ,
भोलापन दिखला के मुझको , और दीवाना कर जाती है |
राहों में जाने अनजाने , मिल जाते है वो जिस दिन ,
कई दिनों तक अपनी खुशबू , दिल में मेरे भर जाती है |
कोई बात नही की उसको , प्यार नही करना आता ,
इतना ही काफी है उसकी , नजर तो मुझपे पड जाती है |
कहती नही है कुछ भी लेकिन , मुझे यकीं हो आया है ,
प्यार उधर भी है तब ही तो , नाम से मेरे संवर जाती है |
उलझन जब सुलझाते है , गलतफहमियां बढ़ जाती है |
उनको यकीं दिलाने को जब , प्यार जताने जाते है तो ,
देख के मेरा दीवानापन , और भी मुझसे डर जाती है |
गुम रहती है न जाने क्यूँ , नादानी , अल्हड़पन में ,
भोलापन दिखला के मुझको , और दीवाना कर जाती है |
राहों में जाने अनजाने , मिल जाते है वो जिस दिन ,
कई दिनों तक अपनी खुशबू , दिल में मेरे भर जाती है |
कोई बात नही की उसको , प्यार नही करना आता ,
इतना ही काफी है उसकी , नजर तो मुझपे पड जाती है |
कहती नही है कुछ भी लेकिन , मुझे यकीं हो आया है ,
प्यार उधर भी है तब ही तो , नाम से मेरे संवर जाती है |
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