तडपते हुए दिल से इक आह निकलके ,
रोने लगी उनके बाँहों से लिपट के |
ताज्जुब है वो बेरहम इतने तो नही थे ,
ठोकर लगा के चल दिए देखा न पलट के |
रोने लगी उनके बाँहों से लिपट के |
ताज्जुब है वो बेरहम इतने तो नही थे ,
ठोकर लगा के चल दिए देखा न पलट के |
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