मतलबी हूँ न मैं इतनी की बस मतलब मेरा सोचूँ ।
भलाई दिल में है मेरे तो मैं सबका भला सोचूँ ।
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उसमें और मुझमें फर्क क्या रह जायेगा बोलो ,
वो मेरा बुरा सोंचे और मैं उसका बुरा सोचूँ ।।
भलाई दिल में है मेरे तो मैं सबका भला सोचूँ ।
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उसमें और मुझमें फर्क क्या रह जायेगा बोलो ,
वो मेरा बुरा सोंचे और मैं उसका बुरा सोचूँ ।।
बहुत खूब ... फर्क नहीं रह्र्गा ...
ReplyDeleteधन्यवाद Digamber Naswa ji .............
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