Thursday, May 15, 2014

बहुत मगरूर है तू

बहुत मजबूर हूँ मैं बहुत मगरूर है तू ,
पी तो रखी है मैंने नशे में चूर है तू ,
.
.
.
.
जलाले दिल जलाले तू अपना जी बहलाले ,
तू है जैसा भी जालिम मुझे मंजूर है तू ।


No comments:

Post a Comment