कोई अच्छे को भी अच्छा नही कहने वाला ।
सब झूठे हैं, कोई सच्चा नही कहने वाला ।
सभी सबूत हैं उसके खिलाफ में लेकिन ,
गलत को मिल गया बहुत सही कहने वाला ।
उसने कोशिश की सच को इस तरह दबाने की ,
जैसे गवाह एक ही बचा वही कहने वाला ।
पता तुम्हे भी है मुझे भी यकीं है सच पर ,
झूठ के डर से सच चुप नही रहने वाला ।
सब झूठे हैं, कोई सच्चा नही कहने वाला ।
सभी सबूत हैं उसके खिलाफ में लेकिन ,
गलत को मिल गया बहुत सही कहने वाला ।
उसने कोशिश की सच को इस तरह दबाने की ,
जैसे गवाह एक ही बचा वही कहने वाला ।
पता तुम्हे भी है मुझे भी यकीं है सच पर ,
झूठ के डर से सच चुप नही रहने वाला ।
उसने कोशिश की सच को इस तरह दबाने की ,
ReplyDeleteजैसे गवाह एक ही बचा वही कहने वाला ।
बहुत खूब ... अलग अंदाज़ का उम्दा शेर ... बहुत लाजवाब ...
dhnyawad Digamber Naswa ji
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