Saturday, May 31, 2014

सागर में फंसा नाव किनारा ढूंढता है

सागर में फंसा नाव किनारा ढूंढता है ।
अँधेरा फिर कोई टूटा सितारा ढूंढता है ।

कहो जिस ओर हम उस ओर चल दे साथ तेरे  ,
नजर नजरों का तेरी इक इशारा ढूंढता है ।

बरसती हैं ये आँखें बारिशों से भी ज्यादा ,
गले लगने को बांहों का सहारा ढूंढता है ।

भरम कुछ इस तरह टुटा है दिल से दोस्तों का  ,
की दिल अब दुश्मनों में दोस्त प्यारा ढूंढता है ।

उसने देखते मुझको गले से यूँ लगाया  ,
की जैसे जिंदगी मुझमें दुबारा ढूंढता है ।

मैं उसको ढूंढती हूँ और वो मुझको ढूंढता है ,
देखें प्यार कब किस्मत हमारा ढूंढता है । ।


सिकंदर

कौन अछूता है ये गम तो सबके अंदर होता है । 
हार नही माने जो गम से वही सिकंदर होता है । 

मुकम्मल कुछ नही दुनियां में

मुकम्मल कुछ नही दुनियां में सब तन्हा ही चलता है।
किरण तन्हा ही जलती है चाँद तन्हा निकलता है ।।


की इक तन्हा नही है तू ही हम भी साथ हैं तेरे ,
मेरे हमदम तेरे संग-संग मेरा साया भी चलता है । ।


Friday, May 30, 2014

ऐ दिल तू मारा जायेगा

इस कदर भी बेखुदी अच्छी नही ,
नींद सारी चैन सारा जायेगा  ।

तू बड़ा नादान दुनियां मतलबी  ,
मुफ्त में ऐ दिल तू मारा जायेगा । । 

हम गिर के सम्भलना जानते हैं

हम गिर के सम्भलना जानते हैं ।
तुम्हारे बिन भी चलना जानते हैं ।

शमां लिखी न जो किस्मत में तो क्या  ,
जुगनूँ की तरह तन्हा भी जलना जानते हैं ।

सितमगर तू सितम करता जा जितने ,
हम दुश्वारियों से भी निकलना जानते हैं ।

नजर यूँ फेरने वाले न तू सोंचा क्यूँ पहले 
तुम्हारी ही तरह हम भी बदलना जानते हैं ।









Thursday, May 29, 2014

राहें नई

*छूट जाने दे अगर छूटे पुरानी जिंदगी ,
चलता रह हर मोड़ पे मिल जायेंगी राहें नई । । *


वक्त बदला लोग बदलें और ग़ालिब भी नही रहें । तो समय के साथ
शायरी भी बदल गई। ……।



दिवानापन कर लेते हैं

हम भी कभी - कभी यारों दिवानापन कर लेते हैं ।
जो जज्बात न समझें उनकी ख़ामोशी पढ़ लेते हैं ।

फूलों की हसरत है सबको काँटे कोई नही चुनता ,
इक हम हैं अपने दामन में खुद काँटे भर लेते हैं ।

इससे उससे सबसे अब से लड़ना हमने छोड़ दिया ,
जब भी तन्हा होते हैं तो खुद से ही लड़ लेते हैं ।

अब हम नही किया करते हैं तेरी बेवफाई का गम ,
जब भी याद तेरी आती है हम तौबा कर लेते हैं । । 

जिंदगी लग जा गले

जिंदगी लग जा गले यूँ ज्यों बिछड़े यार मिले  ।
ऐ वक़्त लौट आ की फिर मुझे बहार मिले  ।

रौनकें बाग़ में आओ की फिर खिलेंगे गुल ,
भँवरे गुनगुनाओं कलियों को निखार मिलें ।

ऐ लू ठहर जा जरा चिलचिलाती धूप रुको ,
मेह बरसो की जलती धरती को श्रृंगार मिले ।

ऐ याद आज कहीं दूर चला जा मुझसे ,
ये न हो आये बहारें और हम बिमार मिलें ।

तितलियां मांगो दुआएं की रुत बदल जाये ,
हमें भी आये सुकूं तुमको भी करार मिलें ।

आज हम उनसे वो हमसे यूँ मिलने आये ,
ऐसे जैसे की दो दीवाने बेकरार मिले ।











Wednesday, May 28, 2014

आज की नई खबर

कितना अजीब लगता है जब आप अपनी ही रचना किसी और के पेज पर देखते हैं ।
वो भी बिना अपने नाम के । सचमुच मैं आज फिर चौक गई । कमाल है न ।
इसपे एक पंक्ति सुनाती हूँ बिलकुल ताजा ताजा है।


* न मैं न मेरा नाम ना मेरी बात थी ,
ताज्जुब ये है मैं फिर भी उसके साथ थी ।*  

अनुरोध

मेरी कलम पे दाद हो रही है किसी की ,
मेहनत मेरी तारीफ हो रही है किसी की ,

अच्छे भले इंसान क्या से क्या हुए देखो ,
अपना बता रहे हैं मैकशी है किसी की ,

रहने दिया करो मेरे कलाम को मेरा ,
जिसकी हो चीज अच्छी भी लगती है उसी की । 

तुझको खुदा करूँ न करूँ

मैं तेरे इश्क में दिल को फ़ना करूँ न करूँ ।
मुझे बता दे मैं इश्के-गुनाह करूँ न करूँ ।

मैं दिल में ही दफन कर दूँ ये अरमां अपने  ,
बड़ी उलझन में हूँ चाहत बयाँ करूँ न करूँ ।

मुझे पता तो हो अब तेरी आरजू क्या है  ,
की तेरी जुस्तजू में मैं दुआ करूँ न करूँ ।

तू मेरा होके किसी और का होगा न कभी ,
कोई वादा तो दे खुद को तेरा करूँ न करूँ ।

जी करता है तुझे पूजूं तेरी इबादत कर लूँ ,
दे इजाजत मुझे तुझको खुदा करूँ न करूँ ।





दिल की हिफाजत

किसी किसी पे रब ने इतनी इनायत की है ।
की यहां हर एक ने उसी से मुहब्बत की है । 

वो रूठकर ये कह गए हैं अब न बोलेंगे ,
एक ही दिल में मुहब्बत भी बगावत भी  है । 

वो बेवफा हैं किसी से भी दिल लगा लेंगे  ,
आजमाइश में तो हमारी शराफत ही है । 

न जो समझ सके हैं दिल की बंदगी को कभी ,
उन्हीं के हाथ में इस दिल की हिफाजत भी है ।



Tuesday, May 27, 2014

उपासना

बहुत मंदिर में पूजा की और मस्जिद से भी हो आये ।
 न फिर भी ली खबर उसने न ये पूछा की क्यों आये ।

लगाके आस पहरों बंद करके आँख बैठे थे ,
न वादा था न आना था ना मिलने को वो आये ।

किसी ने क्या कहा उससे की उसकी बंदगी कैसे ,
बुलाये बिन सुना है वो किसी से मिलने को आये ।

गुनाहों से भरा था दिल न थे अरदास के काबिल ,
की बस दिल भर गया था गम से उसके आगे रो आये ।

मेरी इस बात से गमगीन हो भगवान जी बोले ,
रख दे पास मेरे गम बहुत दिन गम को ढ़ो आये ।

बड़े दिन बाद तुमने दिल में मुझको झांककर देखा ,
मैं कबसे राह तकता था इतने दिन बाद क्यों आये ।

इबादत हो नही सकती

मैंने संभाले रखें यही सोंचकर तेरे गम ,
जो गम न हो दिल में मुहब्बत हो नही सकती । 


न हो गर दर्द में ताकत न हो जो आँख में आंसू , 
खुदाई मिल नही सकती इबादत हो नही सकती । 






बेवफा

हमने सारी उम्र लगादी उनको ये समझाने में ,
नही हुआ करते हैं बेवफा सारे लोग जमाने में । 

Monday, May 26, 2014

इस जहाँ में न मेरा है कोई

फिर गुनहगार बेगुनाह हो गया है कोई ।
लगता है कहीं ईमान बिक गया है कोई ।

लगे है रोज -रोज आग सी अखबारों में ,
किसी ने मार दिया है और मर गया है कोई ।

बदलते वक़्त में बदलते हुए लोगों में ,
सम्भल गया है कोई और बिगड़ गया है कोई ।

दौड़ते देखा सबको खाब के पीछे - पीछे ,
कुछ ऐसे की जैसे बुला रहा है कोई ।

दो गज जमीन भी मरने के बाद मिल न सकी ,
जहां पे बन रहा है घर दफन हुआ है कोई ।

लिख के बात दिल की खत को फाड़ देते हैं ,
की तेरे बाद इस जहाँ में न मेरा है कोई ।





गलतफहमी

शिकायत है बहुत दिल में मगर कही नही जाती ,
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और खामोश रहने से गलतफहमी नही जाती । । 

दिवाने अब कहां जाए

किसी का नाम लें और लब पे उनका नाम आ जाए ,
खुदा जाने अब इस दीवानगी को क्या कहा जाये ।   

उसने बेरुखी से कह दिया मुझसे नही मिलना ,
कोई पूछो जरा उनसे दिवाने अब कहां जाए । 

Monday, May 19, 2014

हैप्पी नाईट

हवा ठंढी चले और पेड़ के पत्ते बिखर जाये ।
चलो अब रात गहरी हो गई सब अपने घर जाएँ ।


खुदा वो नींद दे हमको की सब कुछ भूल जाए हम ,
बस तकिये पे रखें सर और सपनों में उतर जाएँ ।





कभी रुसवा नही करते

तुझे यकीन हो तो सुन हम तुझसा नही करते  ,


की जिसको दिल में रखते हैं कभी रुसवा नही करते । ।



मुझे इंसान वो भला- भला जरूर लगता है

मुझे इंसान वो भला- भला जरूर लगता है ,
मगर उसकी निगाहों में कोई फितूर लगता है ।

ऐसा लगता है छुपाता है मुझसे राज कोई ,
उसकी आँखों में इक अलग सा ही सुरूर लगता है ।

वो मेरे पास आता है तो वो कुछ और होता है ,
मगर जब दूर जाता है बड़ा मगरूर लगता है ।

यूँ लगता है दिल उसका नही सुनता है अब उसकी  ,
वो अपने आप से हालात से मजबूर लगता है । 

मैं गम नही करती

मैं हर बार ठोकर खाकर भी कभी कम नही पड़ती ।
गिरती हूँ संभलती हूँ मगर मैं गम नही करती ।

ख़ुशी न आये घर तो क्या गम मिल जाए गर तो क्या ,
मैं पाने और खोने का  कभी मातम नही करती ।

वो जो जख्म थे नासूर से गहरे हुए दिल पर ,
थी उसकी दवा पर मैं ही अब मरहम नही करती ।

किसी से पूछकर बरसात या तूफां नही आते ,
किसी के होने न होने का गम मौसम नही करती ।


Sunday, May 18, 2014

मुझको बुरा बोला

उसकी बात फिर उट्ठी उसे सब ने बुरा बोला । 
उसे मैं दोस्त कहती थी उसने दुश्मन मेरा बोला । 

किसी के दर्द कोई सुनता नहीं सहता नहीं है गम ,
मैंने सुन लिया गम सबने पागलपन मेरा बोला । 

उजड़े बाग़ ने दिखला के टूटी डालियाँ मुझको ,
तूफानों से बच अपना समझ के मसवरा बोला । 

दिल जब टूटकर रोया तो निकली बद्दुआ दिल से ,
जब पूछा तो इतना ही कहा की क्या बुरा बोला । 

मुझे इतनी शिकायत है की मैंने गम सहे जिसके ,
उसने भी क्यूँ सबके सामने मुझको बुरा बोला । । 


इश्क की सजा

न हमने इश्क छोड़ा है न छोड़ा इश्क ने हमको ,
न बरी गम ने दिया है न बरी हमने दिया गमको ।
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न फैसला हुआ दिल का न रिहाई मिली दिल को ,
सजा है उम्रभर की याद किये जाए सनम को ।

Saturday, May 17, 2014

मतलबी हूँ न मैं

मतलबी हूँ न मैं इतनी की बस मतलब मेरा सोचूँ ।
भलाई दिल में है मेरे तो मैं सबका भला सोचूँ ।
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उसमें और मुझमें फर्क क्या रह जायेगा बोलो ,
वो मेरा बुरा सोंचे और मैं उसका बुरा सोचूँ ।।  

मुहब्बत हो भी सकती है

न तुम मुझसे मिलो ज्यादा ये आदत हो भी सकती है ।
मुहब्बत ना हुई है तो मुहब्बत हो भी सकती है ।

जिन्हें अपना समझते हैं उम्मीदें उनसे होती है ,
जो अपना मानोगे हमसे शिकायत हो भी सकती है ।

बूझे अरमान का दिपक फिर रौशन हो भी सकता है ,
दबे एहसास में दोबारा हरकत हो भी सकती है ।

पहरों रास्ता तकना निगाहें राह पर रखना ,
दीवाने बन गए तो ऐसी हालत हो भी सकती है ।

वो मेरे सामने बैठे हैं उनको देख लूँ छिपकर ,
या उनसे पूछ लूँ शायद इजाजत हो भी सकती है ।

चलो अब दूर जाने की भुलाने की करें कोशिश ,
इसी तरकीब से दिल की हिफाजत हो भी सकती है ।


शुभ रात्री ( GoOd NiGhT )

तूने साजिश जो की है उसकी गवाही होगी । 


मुझे पता है नींद तूने ही चुराई होगी । ।  

मेरे हमदम मेरे दोस्त

मैं अपने चेहरे पे चेहरा लगाकर जी नही सकता ।
मेरे हमदम मैं तुमसे गम छुपाकर जी नही सकता ।

ऐ मेरे दोस्त हो जब वक़्त मेरे गम भी सुन लेना ,
मैं इस किस्से को अब दिल में दबाकर जी नही सकता ।

गले लगकर मेरे दो पल को दो आँसू बहा लेना  ,
मैं दुनियाँ भर के गम दिल से लगाकर जी नही सकता ।

कितने लोग मिलते हैं बिछड़ जाते हैं राहों में ,
मगर ये सच है मैं तुमसे बिछड़कर जी नही सकता ।

बहुत मुश्किल से जोड़े हैं मैंने इस दिल के टुकड़ों को ,
सम्भालो दिल मैं अब फिर से बिखरकर जी नही सकता ।

मुझे रहने दो अपने दिल के इक छोटे से कोने में ,
मुझे लगता है मैं बाहर निकलकर जी नही सकता

Friday, May 16, 2014

मुस्कान

मेरी मुस्कान चुराकर वो मुझसे कहते हैं ,
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आजकल आप बड़े गुमसुम से रहते हैं । 

सत्ता (हिन्दुस्तान के नए प्रधानमंत्री को बधाई )

है तख्तो -ताज में सजती कभी झुककर नही रहती । 
बड़ी मगरूर है सत्ता कहीं रुककर नही रहती । 

यही इसकी कहानी है न तेरी है न मेरी है ,
ये सत्ता बेवफा है एक की होकर नही रहती  ।



मैं तेरी कौन हूँ

तेरी पसंद ना पसंद का ख्याल करूँ  ।
मैं तेरी कौन हूँ तुझसे कोई सवाल करूँ ।

जिस बात से न बनता न बिगड़ता हो मेरा ,
मैं उस बात का क्यों बेसबब मलाल करूँ ।

कुछ कहना न सुनना अब गिला कोई नही तुझसे ,
मैं तुझको सोंचके अपना बुरा क्यूँ हाल करूँ ।

न मैं आवाज दूँ न लौटकर वापस आना ,
न अब सवाल हो कोई न मैं सवाल करूँ ।  

Thursday, May 15, 2014

बहुत मगरूर है तू

बहुत मजबूर हूँ मैं बहुत मगरूर है तू ,
पी तो रखी है मैंने नशे में चूर है तू ,
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जलाले दिल जलाले तू अपना जी बहलाले ,
तू है जैसा भी जालिम मुझे मंजूर है तू ।


तुझे दिल में सनम रखता हूँ

मैं जिन्दा हूँ या जीने का भरम रखता हूँ ।
क्या इक मैं ही हूँ जो इतना गम रखता हूँ ।

मुझे तो भूल जाना था तुझे अब तक शायद ,
मैं क्यूँ संभालकर दिल में ये सितम रखता हूँ ।

मेरी दरियादिली है मैंने जो माफ़ी दे दी ,
ये मत सोंचना मैं हौसले कम रखता हूँ ।

बिछा ले जितने भी काँटे तू मेरी राहों में ,
अब फूंक - फूंक कर मैं भी कदम रखता हूँ ।

कैसे कह दूँ मैं दिल लेके तू मेरा कुछ भी नही ,
झूठ कहता नही इतनी तो शरम रखता हूँ ।

तूने ठोकर में भी रखा नही मुझको अपनी ,
और मैं हूँ की तुझे दिल में सनम रखता हूँ ।

तेरे जाने का सबब पूछते हैं ।

तेरे जाने से पहले जाने का सबब पूछते हैं । 
इक हम ही नही ये बात तो सब पूछते हैं । 

वजह कुछ तो हुई होगी तेरे यूँ जाने की ,
नजर क्यूँ फेर लेते हो हम ये जब पूछते हैं । 

तेरी खामोशियाँ आँखों से दिल तक चुभती है ,
दिल को होता न जब करार की तब पूछते हैं । 

न कुछ बोलोगे सब समझेंगे बेवफा तुमको ,
रहेंगे कबतलक खामोश ये लब पूछते हैं ।  










Wednesday, May 14, 2014

तूफान से लड़ने की हिम्मत कर रहा हूँ

मैं जीने की कवायत कर रहा हूँ ।
मैं अब खुद से मुहब्बत कर रहा हूँ ।

बहुत दिन रह लिए इस दिल के बहकावे में यारों ,
मैं अब दिल से बगावत कर रहा हूँ ।

फिर लगने लगे हैं पंख अरमानों को मेरे ,
मैं फिर उड़ने की चाहत कर रहा हूँ ।

सुन ऎ गम मैं अब खुद को तबाह होने न दूंगा ,
मैं फिर तूफान से लड़ने की हिम्मत कर रहा हूँ ।





Tuesday, May 13, 2014

कीमती दोस्ती

मैं तेरे गम सहूँ भले तेरा गम कम नही होगा  ,
मैं तेरे साथ हूँ चाहे तेरा मरहम नही होगा ।
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माना तेरी नजर में दोस्त कोई कीमत नही मेरी  ,
मगर तू ढूंढ ले मुझसा कोई हमदम नही होगा  ।

बेवफा जिंदगी

उमरभर की दिल को सजा हो गई है ।
मेरी जान मुझसे जुदा हो गई है ।

मुझे मौत से अब शिकायत नही है ,
मेरी जिंदगी बेवफा हो गई है । ।




इश्क जलाती बहुत है

जिंदगी हौसले आजमाती बहुत है ।
हंसाती है तो फिर रुलाती बहुत है ।


इस इश्क को आग से कम न समझो ,
लिपटती है जिससे जलाती बहुत है । 

खुदाई

कहीं दर्दे - गम की दवाई नही है ,


दिवानों की खातिर खुदाई नही है । 

मंजिल

मंजिल दूर तक दिखता नही रस्ते हैं पथरीले ,


खुदा ने मेरी किस्मत में सफर ज्यादा ही लिखें हैं । । 

जो मेरा है मेरा हो

मुझे न जीतने का शौक है न हारने का गम  ,


बस इतनी सी जिद रखते हैं जो मेरा है मेरा हो । 

Monday, May 12, 2014

तू अब कभी मेरा नही होगा

जा तुझसे मुझे अब कोई शिकवा नही होगा । 
जानता हूँ मैं तू अब कभी मेरा नही होगा । 

तू यकीन न कर फिर भी ये ऐलान है मेरा ,
मेरी महफ़िल में बेवफा तेरा चर्चा नही होगा । 

मैं तेरी जिंदगी से इसी वक़्त निकल जाता हूँ ,
तू भी अब खाब में आएगा तो अच्छा नही होगा । 

तुम्हे जब हिचकियाँ आया करेंगी रोज बार-बार,
तुम ये सोंचना मैंने तुम्हे सोंचा नही होगा ।  

एक ही दिल था अब इस दिल के टूट जाने के बाद ,
मैं आवारा हूँ अब घर कहीं मेरा नही होगा । 

मुझे भी दर्द है तुझको भी यही गम सताएगा ,
की तेरा चाहने वाला कोई मुझसा नही होगा । ।

गलतियां

उन्हें जब अपनी गलती की सफाई नही सूझी ,
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वो गिन-गिन के मुझे गलतियां सुनाने लगे मेरी ।।  

Sunday, May 11, 2014

ये दिल

धड़कने तेज चलती हैं और जी अच्छा नही लगता ,
लगता है मुहब्बत आज भी सोने नही देगी ।

फिर तेरी याद का मौसम हवाएँ साथ लाई है ,
जरा सा चैन भी बेचैनियां लेने नही देगी ।

न रस्ते आ के मिलते हैं न मंजिल एक है अपनी ,
मगर ये हसरतें हमको जुदा होने नही देगी ।

न हमने की खता कोई न है इश्के गुनाह कोई ,
पर झूठे दाग भी दुनियां हमें धोने नही देगी ।

सुकूं तुमको भी आ जाता सुकूं हमको भी आ जाता ,
मगर कोई दुआ पूरी ये दिल होने नही देगी। ।  

माँ ( I LOVE U MAA )

जो माँ होती खुदा हालात कुछ ऐसा नही होता ।
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लगता है खुदा भी शायद माँ जैसा नही होता । । 

Saturday, May 10, 2014

दिलजला दिल

मुझसे मत पूछ मेरी बेकरारी का आलम ,
बेसबब चैन तू अपनी भी गवां बैठेगा । 



मुझे इस बात का डर होता है हमदम मेरे ,
दिलजला दिल है,तेरा दिल भी जला बैठेगा। 


उसको न बेवफा कहना

मैं अपनी कस्ती अपने हाथ डूबो आया हूँ ।
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वो बेगुनाह है उसको न बेवफा कहना । ।


तेरे इन्तजार में

यूँ लगता है अब न गम से उबर पाएंगे । .
एक दिन इन्तजार में तेरे मर जायेंगे । । 

Friday, May 9, 2014

जीने की वजह

शहर बदल लूँ घर बदल लूँ गली छोड़ दूँ तेरी ,
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मगर वजह न होगी फिर कोई जीने की मेरी । । 

प्यार कहां कम होता है

यादें जब जिन्दा होती हैं दिल को बड़ा गम होता है ।
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दूर चले जाने से भी ये प्यार कहां कम होता है । 

Thursday, May 8, 2014

हम कहाँ के रहे

न इस जहां के रहे हम न उस जहां के रहे ।
न इस जमीं के रहे हम न आसमां के रहे ।
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जिसकी चाह में दुनियां भुलाये बैठे थे  ,
वो ही भूल गए हमको हम कहाँ के रहे । 

मगरूर कह के हमें चल दिए वो

मगरूर कह के हमें चल दिए वो , जो जज्बात हमको बताना न आया 
बहुत देर ठहरे वो देखेंगे मुड़के , पर आवाज देके बुलाना न आया                           
मगरूर कह के हमें चल दिए वो , जो जज्बात हमको बताना न आया | 
बहुत देर ठहरे वो देखेंगे मुड़के , पर आवाज देके बुलाना न आया |                       


बढाती गई दूरियां गलतफहमी , मगर हमें उलझन सुलझाना न आया | 
वो सुनने को सच्चाई राजी हुए ना , और हमको करना बहाना न आया|


कहते रहे वो  और सुनते रहे हम , हमें हाले दिल भी सुनाना न आया | 
है उनके लिए खेलना दिल से आसां , हमें पैंतरे वो चलाना न आया | 


देतें है वो दोस्ती की दुहाई  ,  जिन्हें दोस्ती को निभाना न आया | 
इतनी सी हमसे खता हो गई , हमें अपना दामन छुड़ाना  न आया |


नाराजगी दूर करते तो कैसे , हमें उनके नखरे उठाना न आया | 
पूछो न हैं क्यूँ खफा जिंदगी से , करे क्या दिल को बहलाना न आया| 


 है नाज  उनको फितरत पे अपनी , हमें वो सलीका दिखाना न आया | 
गिराकर हमीं को हमारी नजर में , गया वो जो मेरा दीवाना न आया | 


मिलतें है दो दिल बड़ी मुश्किलों से , करे क्या दिल को मिलाना न आया | 
बीतेगी अब उम्र इस कसमकस में , वापस फिर क्यूँ वो जमाना न आया |


आदत बुरी तो नहीं रूठने की , करूँ क्या जो हमको मानना न आया | 

ये माना की हम न उन्हें रोक पाए , उन्हें भी तो वापस आना न आया | | 

 कहते रहे वो  और सुनते रहे हम , हमें हाले दिल भी सुनना न आया
है उनके लिए खेलना दिल से आसां , हमें पैंतरे वो चलाना न आया देतें है वो दोस्ती की दुहाई  ,  जिन्हें दोस्ती को निभाना न आया
 इतनी सी हम खता हो गई , हमें अपना दामन छुड़ाना  न आया 

नाराजगी दूर करते तो कैसे , हमें उनके नखरे उठाना न आया 
पूछो न हैं क्यूँ खफा जिंदगी से , करे क्या दिल को बहलाना न आया

  है नाज  उनको फितरत पे अपनी , हमें वो सलीका दिखाना हमीं को हमारी नजर में , गया वो जो मेरा दीवाना न मिहै दो दिल बड़ी मुश्किलों से , करे क्या दिल को मिलाना न आया
बीतअब उम्र इस कसमकस में , वापस फिर क्यूँ वो जमये की हम न उन्हें रोक पाए , उन्हें भी तो वापस आ

खुदा मेरा

मैं तुझे ढूंढता था बाहर तू मिलता ही नही था ।
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अब पता चला खुदा मेरा मुझमें ही कहीं था ।



धोखा नही करते

निभाए,ना निभाये ये भी कभी सोंचा नही करते ।
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जान दे देते हैं पर दोस्तों से धोखा नही करते । 

Wednesday, May 7, 2014

तजुर्बा

ये जो जलन है घुटन है गमें-मजबूरी है ,
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जीने के लिए ये तजुर्बा भी जरूरी है । । 

बुरा वक़्त

बुरे वक्त में ऐसा बुरा मंजर देखा ।
जहां भी देखा तूफां और बवंडर देखा ।
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हम थे दुश्मनों में ढूंढते कातिल अपना ,
एक दिन दोस्तों के हाथ में खंजर देखा ।






Tuesday, May 6, 2014

प्यार में क्या काम किया

मैंने हर लम्हा जिंदगी का उनके नाम किया ।
उनके ख्याल में सुबह से मैंने शाम किया ।
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एक पल को भी उनकी याद से फुरसत न मिली ,
अब कहते हैं वो ही प्यार में क्या काम किया ।


आँखें सोई नही

एक बस तू मेरी चाहत है और कोई नही  ,,,
लोग कहते हैं की किस्मत में मेरे तू ही नही ।

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मैंने जिस दिन से तुझे देखा तुझे चाहा है,
आँखें जब से हैं मिली तुमसे तब से सोई नही ।



लोग

लोगों ने इस तरह से जिंदगी मुश्किल कर दी ।
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रास्ते तंग कर डाले दूर मंजिल कर दी । 

सच चुप नही रहने वाला ।

कोई अच्छे को भी अच्छा नही कहने वाला ।
सब झूठे हैं, कोई सच्चा नही कहने वाला ।

सभी सबूत हैं उसके खिलाफ  में लेकिन ,
गलत को मिल गया बहुत सही कहने वाला ।

उसने कोशिश की सच को इस तरह दबाने की ,
जैसे गवाह एक ही बचा वही कहने वाला ।

पता तुम्हे भी है मुझे भी यकीं है सच पर  ,
झूठ के डर से सच चुप नही रहने वाला ।

Monday, May 5, 2014

दोस्ती का हक

या मुझसे खफा हो जा या मुझको खफा कर दे।
मगर इक बार मेरे नाम तू अपनी वफ़ा कर दे । 
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निभाई है सदा ही एक तरफा दोस्ती मैंने ,
कभी इक बार तू भी दोस्ती का हक अदा कर दे ।







मैं इक रस्ता हूँ

मैं उस सदमें सा हूँ जो मन के अंदर टूट जाता हूँ  ।
मैं वो लम्हा हूँ जो किस्मत से लड़ के रूठ जाता हूँ ।
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कहानी बदनसीबी की भला इस से बुरी क्या हो ,
मैं इक रस्ता हूँ जब चलता हूँ पीछे छूट जाता हूँ ।





Saturday, May 3, 2014

न दिल दे रहे हो न जां ले रहे हो

मेरे सब्र का इम्तहां ले रहे हो ।
बड़े शौक से मेरी जां ले रहे हो ।

इक हम हैं की दीदार को हैं तरसते ,
इक तुम हो की परदा गिरा ले रहे हो ।

मिलाते नही हो नजर ,मिल गई तो ,
नजर बेरुखी से चुरा ले रहे हो ।

तुम्हे क्या पता हाल दीवानगी का ,
बस दिल्ल्गी का मजा ले रहे हो ।

मुद्दत हुई चाहते - चाहते अब ,
न क्यूँ चाहतों का सिला दे रहे हो ।

बताओ ऐ दिल क्या है हसरत तुम्हारी ,
 न दिल दे रहे हो न जां ले रहे हो ।








Thursday, May 1, 2014

बीमारे-यार

जान पे बन आई है अब तो रिहा करो ।
दर्द है बेइंतहा कुछ तो दवा करो ।
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दिल बन गया मरीज़ तेरे इश्क में सुनो ,
अब तो बीमारे-यार की खातिर दुआ करो ।