मेरे सीने में दहकता आग सा शोला गया ,
उसको देखा सामने, फिर न कुछ बोला गया ।
सारी बातें लब पे थी , परदा उठाना बाकि था ,
आँख पर उठी नही , लब ही न खोला गया ।
पड़ गया नाजुक सा दिल सौदागरों के हाथ में ,
हीरे सा अनमोल दिल था ,कौड़ी में तोला गया ।
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