तौबा की कितना दर्द है , दुनियां के दिलों में ।
ये इश्क के मारे हुए , इन्सां के दिलों में।
लगता है की पल भर को ख़ुशी आई और गई ,
जैसे के चार पल को वो , मेहमां हो दिलों में ।
कैसी बनी दिवार थी , दीवार लग गई ,
कच्ची थी शायद इश्क की, मकां वो दिलों में ।
टुटा जो दिल , तब हमें मालूम ये हुआ ,
बसी न जाने कितनी बस्तियां हो दिलों में ।
आहिस्ते किया कीजिये , सभी बातें इश्क की ,
नाजुक है दिल , ये दिल दास्ताँ हो दिलों में ।
ये इश्क के मारे हुए , इन्सां के दिलों में।
लगता है की पल भर को ख़ुशी आई और गई ,
जैसे के चार पल को वो , मेहमां हो दिलों में ।
कैसी बनी दिवार थी , दीवार लग गई ,
कच्ची थी शायद इश्क की, मकां वो दिलों में ।
टुटा जो दिल , तब हमें मालूम ये हुआ ,
बसी न जाने कितनी बस्तियां हो दिलों में ।
आहिस्ते किया कीजिये , सभी बातें इश्क की ,
नाजुक है दिल , ये दिल दास्ताँ हो दिलों में ।
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