फूलों पे जवानी आ गई , समझो वसंत आया ।
मौसम पे रवानी छा गई , समझो वसंत आया ।
पेड़ों पे लगे मंजर , महकता बाग़ में महुआ ,
सरसों खेत में लहरा गई , समझो वसंत आया ।
ओढ के सात रंगों की , चुनर निकली हैं अब तितली ,
दिल भंवरों का जब ललचा गई, समझो वसंत आया ।
हंसी किलकारियां भरती , नई कोंपल हैं फिर निकली ,
मैं काँटों की चुभन बिसरा गई , समझो वसंत आया ।
लगे गुणगान करने प्यार का , दिल का , कवि सारे ,
प्यार लिख -लिख कलम शरमा गई ,समझो वसंत आया ।
बहाना लेके कोई , तुमने मेरी बात जब छेड़ी ,
तेरे लब पे जभी मैं आ गई , समझो वसंत आया ।
मौसम पे रवानी छा गई , समझो वसंत आया ।
पेड़ों पे लगे मंजर , महकता बाग़ में महुआ ,
सरसों खेत में लहरा गई , समझो वसंत आया ।
ओढ के सात रंगों की , चुनर निकली हैं अब तितली ,
दिल भंवरों का जब ललचा गई, समझो वसंत आया ।
हंसी किलकारियां भरती , नई कोंपल हैं फिर निकली ,
मैं काँटों की चुभन बिसरा गई , समझो वसंत आया ।
लगे गुणगान करने प्यार का , दिल का , कवि सारे ,
प्यार लिख -लिख कलम शरमा गई ,समझो वसंत आया ।
बहाना लेके कोई , तुमने मेरी बात जब छेड़ी ,
तेरे लब पे जभी मैं आ गई , समझो वसंत आया ।
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