जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
आने वाले कहो आओगे , कब पूछते हैं ।
मेरे हिस्से की ख़ुशी , मैंने खो दी है कहीं ,
मुस्कुराएंगे कब उदास , ये लब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
क्यूँ भरी दुनियां में तन्हा तू भटकता है बता ,
तेरा हमदम है कहाँ मुझसे , सब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
हलक में दर्द जहर बनके, जब उतर आया ,
हाल बीमार का सब आके , अब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
रोज कहता हैं दिल , वो मिलेंगे तो पूछेंगे ,
भूल जाते हैं पास आके , वो जब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
आने वाले कहो आओगे , कब पूछते हैं ।
मेरे हिस्से की ख़ुशी , मैंने खो दी है कहीं ,
मुस्कुराएंगे कब उदास , ये लब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
क्यूँ भरी दुनियां में तन्हा तू भटकता है बता ,
तेरा हमदम है कहाँ मुझसे , सब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
हलक में दर्द जहर बनके, जब उतर आया ,
हाल बीमार का सब आके , अब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
रोज कहता हैं दिल , वो मिलेंगे तो पूछेंगे ,
भूल जाते हैं पास आके , वो जब पूछते हैं ।
जागती आँखें जागने का , सबब पूछते हैं ।
बहुत ही लाजबाब लिखा है,बहुत ही सुन्दर।
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