Thursday, February 7, 2013

शायरी

मुकद्दर तो सबके हैं पर ,
हर कोई मुकद्दर का सिकन्दर नही होता ।

कुछ बूंद आंसू भी होते हैं ,  
हर कतरा तो समन्दर नही होता ।

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