इसे उसूल कहलो या कहलो मेरी आदत ,
अपने गम में भी ,ऑरों की ख़ुशी भूलती नही ।
भूल भी जाऊं कभी ,खुदा की बन्दगी ,
पर दोस्ती निभानी कभी भूलती नही ।
अपने गम में भी ,ऑरों की ख़ुशी भूलती नही ।
भूल भी जाऊं कभी ,खुदा की बन्दगी ,
पर दोस्ती निभानी कभी भूलती नही ।
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