मुझे कहना न आया झूठ , यारों बात इतनी है ।
सच सुनके गये वो रूठ , यारों बात इतनी है ।
न मरहम ,कोई न ,कोई दवाई काम आती है ,
कहीं जाये अगर दिल टूट , यारों बात इतनी है ।
किसी का चैन लेकर , क्या सजा लेगा कोई सपना ,
मुहब्बत को न समझो लूट , यारों बात इतनी है ।
की जो भी प्यार दे , उसका जहाँ बरबाद कर डालो ,
उसे किसने दी ऐसी छूट , यारों बात इतनी है ।
मेरी दौलत , मेरी शोहरत ,भी ले जाते तो गम न था ,
ख़ुशी ही ले गयें हैं लूट , यारों बात इतनी है ।
सच सुनके गये वो रूठ , यारों बात इतनी है ।
न मरहम ,कोई न ,कोई दवाई काम आती है ,
कहीं जाये अगर दिल टूट , यारों बात इतनी है ।
किसी का चैन लेकर , क्या सजा लेगा कोई सपना ,
मुहब्बत को न समझो लूट , यारों बात इतनी है ।
की जो भी प्यार दे , उसका जहाँ बरबाद कर डालो ,
उसे किसने दी ऐसी छूट , यारों बात इतनी है ।
मेरी दौलत , मेरी शोहरत ,भी ले जाते तो गम न था ,
ख़ुशी ही ले गयें हैं लूट , यारों बात इतनी है ।
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