प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
मेरे दिल के एहसासों को , दिल में भर लेना ।
फूलों की इन पंखुरियों में , रख दी आंसूं की बूंदें ,
चूम के तुम इन पंखुरियों को , पावन कर देना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
कितनी रातें जाग के काटी , यादों में तेरे साजन ,
कैसी थी वो रातें काली , मन में गढ़ लेना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
लोगों के न ताने लिखें , दर्द के अफ़साने न लिखें ,
प्यार के दिन बस प्यार लिखा , मत दिलपर लेना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
मेरे दिल के एहसासों को , दिल में भर लेना ।
फूलों की इन पंखुरियों में , रख दी आंसूं की बूंदें ,
चूम के तुम इन पंखुरियों को , पावन कर देना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
कितनी रातें जाग के काटी , यादों में तेरे साजन ,
कैसी थी वो रातें काली , मन में गढ़ लेना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
लोगों के न ताने लिखें , दर्द के अफ़साने न लिखें ,
प्यार के दिन बस प्यार लिखा , मत दिलपर लेना ।
प्रेम की पाती भेज रही हूँ , साजन पढ़ लेना ।
No comments:
Post a Comment