प्यार क्या है ,
की तेरे साथ में सफर कोई , सफर न लगता था ।
अपना घर ही मुझको तो , अपना घर न लगता था ।
अब तो जिन्दगी भी आके हमको आजमाती है ,
इक वो दिन भी था ,जब मौत से भी डर न लगता था ।
की तेरे साथ में सफर कोई , सफर न लगता था ।
अपना घर ही मुझको तो , अपना घर न लगता था ।
अब तो जिन्दगी भी आके हमको आजमाती है ,
इक वो दिन भी था ,जब मौत से भी डर न लगता था ।
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