जीने की जद्दोजहद में , कुछ भी न रहा याद ।
तेरे मेरे बिना भी ये , दुनिया रही आबाद ।
मत लो इस इश्क का , अब नाम भी कोई ,
इसने न जाने कितनो के ,घर कर दिए बरबाद ।
तेरे मेरे बिना भी ये , दुनिया रही आबाद ।
मत लो इस इश्क का , अब नाम भी कोई ,
इसने न जाने कितनो के ,घर कर दिए बरबाद ।
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