Tuesday, May 13, 2014

इश्क जलाती बहुत है

जिंदगी हौसले आजमाती बहुत है ।
हंसाती है तो फिर रुलाती बहुत है ।


इस इश्क को आग से कम न समझो ,
लिपटती है जिससे जलाती बहुत है । 

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