तनहा जीना मुश्किल है, जाने तुम कब समझोगे ।
खोया - खोया सा दिल है , जाने तुम कब समझोगे।
दुनियां भर की बातों में , क्यूँ तुम खोये रहते हो ,
इन सबसे क्या हासिल है ,जाने तुम कब समझोगे ।
देख लो मेरी आँखों में , आज भी तेरे सपने हैं ,
तू ही दिल की मंजिल है , जाने तुम कब समझोगे ।
दूर हुए फिर भी तुझसे , जुदा न दिल को कर पाए ,
तू तो मुझमें शामिल है , जाने तुम कब समझोगे ।
इस दिल के भोलेपन पे , क्यूँ तुम चोट लगते हो ,
पत्थर नही, मेरा दिल है , जाने तुम कब समझोगे।
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