रोज मै कहता हूँ , तुझपे शक न करूंगा ,
पर यही गलती मै बार - बार करता हूँ ।
तुम भी तो हर- बार मुझको माफ करते हो ,
जब मैं अपनी गलतियाँ स्वीकार करता हूँ ।
खुद पे भी यकीन मुझे अब नही जितना ,
उतना तुझपे यार , ऐतवार करता हूँ ।
चाँद में है दाग पर , बेदाग तू सनम ,
जानकर भी मै खता बेकार करता हूँ ।
दुनिया कहती है मै तेरे प्यार में पागल ,
मै समझता हूँ , इबादते - यार करता हूँ ।
कोई न समझे मगर तुमको तो है पता ,
किस- कदर मै यार तुझसे प्यार करता हूँ ।
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