न थे तुम की बस तुम्हारा इंतजार था ,
बेचैनियाँ थी , दर्द था दिल बेक़रार था |
मौसम कई आये मगर , तू नहीं आया ,
पर आएगा तू मुझको ऐसा इख़्तियार था |
हम ही निभाते रहे बस रस्मे उल्फत को ,
फिर भी ये समझा किये , तुम्हे भी प्यार था |
मर गए हम फिर भी ये , आँखें खुली रही
आओगे जनाजे में तुम , हमें ऐतवार था |
बेचैनियाँ थी , दर्द था दिल बेक़रार था |
मौसम कई आये मगर , तू नहीं आया ,
पर आएगा तू मुझको ऐसा इख़्तियार था |
हम ही निभाते रहे बस रस्मे उल्फत को ,
फिर भी ये समझा किये , तुम्हे भी प्यार था |
मर गए हम फिर भी ये , आँखें खुली रही
आओगे जनाजे में तुम , हमें ऐतवार था |
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