रात भर जलते रहे , वो रात ऐसी थी ,
खाब में चलते रहे कुछ बात ऐसी थी ।
सो रही थी चांदनी जब चाँद के आगोश में ,
थम गया था वक्त , वो मुलाकात ऐसी थी।
शर्म से सिमटी धरा मुस्कुराई रात भर ,
चाँद तारों से सजी बारात ऐसी थी ।
कहने को एहसास लब थरथराते रह गये ,
हो नही पाए बयाँ जज्बात ऐसी थी ।
जिस तरफ नजरें उठी प्यार का दीदार था ,
हो रही वो प्यार की बरसात ऐसी थी ।
लड़ने को तूफान से भी भर रहा था हौशला ,
थामी थी जो हाथ में वो हाथ ऐसी थी ।
घोर सन्नाटे में छुपके ,थे नजारे सो गये ,
दो नजर जागी रहीं हालात ऐसी थी ।
मन्नतें मांगी थी कई जन्म तक इश्क ने ,
तब कहीं पाई हो , वो सौगात ऐसी थी ।
खाब में चलते रहे कुछ बात ऐसी थी ।
सो रही थी चांदनी जब चाँद के आगोश में ,
थम गया था वक्त , वो मुलाकात ऐसी थी।
शर्म से सिमटी धरा मुस्कुराई रात भर ,
चाँद तारों से सजी बारात ऐसी थी ।
कहने को एहसास लब थरथराते रह गये ,
हो नही पाए बयाँ जज्बात ऐसी थी ।
जिस तरफ नजरें उठी प्यार का दीदार था ,
हो रही वो प्यार की बरसात ऐसी थी ।
लड़ने को तूफान से भी भर रहा था हौशला ,
थामी थी जो हाथ में वो हाथ ऐसी थी ।
घोर सन्नाटे में छुपके ,थे नजारे सो गये ,
दो नजर जागी रहीं हालात ऐसी थी ।
मन्नतें मांगी थी कई जन्म तक इश्क ने ,
तब कहीं पाई हो , वो सौगात ऐसी थी ।
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