Sunday, October 28, 2012

मुहब्बत में झूठ बोलना अच्छा नही होता

मुहब्बत में झूठ बोलना , अच्छा नही होता ,
सबसे राजे-दिल खोलना , अच्छा नही होता ।

नादान  हैं  वो ,  अबतलक समझे ही नही है ,
दिलबर के दिल से खेलना,अच्छा नही होता ।

उनको नही पता अभी ,  होता है दिल अनमोल ,
भड़े बाजार दिल को मोलना ,अच्छा नही होता ।

माना की उनके संग अब ,चलना नही मुमकिन ,
पर गैरों  के  संग  डोलना , अच्छा नही होता ।

हर  रोज  प्यार  द्वार  पे  ,  दस्तक नही देता ,
जब  आये  तो  मुंह फेरना ,  अच्छा नही होता ।

माँगा खुदा से दिल ने , अब  राहत  नसीब  हो ,
इतना  भी  तो  गम झेलना , अच्छा नही होता ।


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