मैं कौन हूँ , तू कौन है , इतना सा भरम था ,
मैं 'मैं' हूँ और तू 'तू' है , इतना सा ही गम था ।
जिस दिन से हम मुरीद हुए , हैं तेरे मौला ,
मेरा 'मैं' ही न रहा मेरा , तेरा ये करम था ।
मैं 'मैं' हूँ और तू 'तू' है , इतना सा ही गम था ।
जिस दिन से हम मुरीद हुए , हैं तेरे मौला ,
मेरा 'मैं' ही न रहा मेरा , तेरा ये करम था ।
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