खता की नही फिर भी वो खतावार कहते हैं ,
बिना ही जुर्म के मुझको गुनहगार कहते हैं ।
मेरी मजबूरी पे गुस्सा बहुत करते हैं आजकल ,
और आफत है ये गुस्से को अपने प्यार कहते हैं ।
बिना ही जुर्म के मुझको गुनहगार कहते हैं ।
मेरी मजबूरी पे गुस्सा बहुत करते हैं आजकल ,
और आफत है ये गुस्से को अपने प्यार कहते हैं ।
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