कब से रूठे हैं , मना लेते तो अच्छा होता ,
गम को हाथों से सहला देते तो अच्छा होता ।
इससे पहले की मार डाले ये कसक मुझको ,
अपने सीने में छुपा लेते तो अच्छा होता ।
कबसे प्यासे हैं , दो बूंद मुहब्बत के लिए ,
प्यार आँखों से पिला देते तो अच्छा होता ।
लोग कहतें हैं सीने में मेरे शोलें है ,
तुम जो ये आग बुझा देते तो अच्छा होता ।
जिन्दगी गीत तराना मैकशी लगती ,
तुम भी साथ में गा लेते तो अच्छा होता ।
बैठ कर पहरों तन्हाई में बातें करते ,
तुझमे हर दर्द भुला देते तो अच्छा होता ।
कई रातों से तेरी यादों ने सोने न दिया ,
अपनी बाँहों में सुला देते तो अच्छा होता ।
बिन तेरे भी ये जिन्दगी बुरी तो नही ,
पर जिन्दगी में आ जाते तो अच्छा होता ।
गम को हाथों से सहला देते तो अच्छा होता ।
इससे पहले की मार डाले ये कसक मुझको ,
अपने सीने में छुपा लेते तो अच्छा होता ।
कबसे प्यासे हैं , दो बूंद मुहब्बत के लिए ,
प्यार आँखों से पिला देते तो अच्छा होता ।
लोग कहतें हैं सीने में मेरे शोलें है ,
तुम जो ये आग बुझा देते तो अच्छा होता ।
जिन्दगी गीत तराना मैकशी लगती ,
तुम भी साथ में गा लेते तो अच्छा होता ।
बैठ कर पहरों तन्हाई में बातें करते ,
तुझमे हर दर्द भुला देते तो अच्छा होता ।
कई रातों से तेरी यादों ने सोने न दिया ,
अपनी बाँहों में सुला देते तो अच्छा होता ।
बिन तेरे भी ये जिन्दगी बुरी तो नही ,
पर जिन्दगी में आ जाते तो अच्छा होता ।
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