Monday, October 15, 2012

पूछ कभी की हम कैसे हैं

पूछ कभी की हम ,कैसे हैं ।
                      दिल के अंदर गम कैसे हैं ।
प्यार में तेरे खुश हैं फिर भी ,
                      आँख हमारे नम कैसे हैं ।
पूछ कभी की हम ,कैसे हैं ।

कितनें सपनों के घर टूटें ,
                     कितनें अपनें राह में छूटें ,
टूटे  फूटें इन  किस्सों में ,
                   दिल ने सहें, सितम कैसे हैं ।
पूछ  कभी  की हम ,कैसे  हैं ।

कितनी बार मरा ये  दिल है ,
                बात ये बतलाना मुश्किल है ,
मरते-मरते भी इस दिल में   ,
               फिर मरने का दम  कैसे है ।
पूछ  कभी  की हम ,कैसे  हैं ।

पास मेरे जो दो दिल होतें ,
               दोनों  दिल तुमको ही  देते ,
तुम्ही अब बतलाओ तुमसे ,
             प्यार मुझे फिर कम कैसे है ।
 पूछ  कभी  की हम ,कैसे  हैं ।

मेरे गम मुझको सहने दे ,
                      तेरे  गम  तेरे  रहने  दे ,
तेरा- मेरा  बाकि  है जब ,
                 फिर हम कहो सनम कैसे हैं ।
पूछ  कभी  की हम , कैसे  हैं ।

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