रोज वही समझती हूँ तुम , रोज वही जिद करते हो ,
प्यार मुहब्बत की बातों में , ना जाने क्यूँ पड़ते हो ।
हम तुमको कैसे समझाये अपना हाले दिल यारा ,
हूक मेरे दिल में उठती है , जब जब आंहे भरते हो ।
प्यार मुहब्बत की बातों में , ना जाने क्यूँ पड़ते हो ।
हम तुमको कैसे समझाये अपना हाले दिल यारा ,
हूक मेरे दिल में उठती है , जब जब आंहे भरते हो ।
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