कह तो देते अपने दिल की ,
लेकिन मेरी सुनेगा कौन ।
दिल से दिल के तार मिलाकर ,
सांसें मेरी गुनेगा कौन ।
फूल भरे राहें होंगी तो ,
साथ कोई भी दे देगा ।
लेकिन राहों से बढ़ बढ़ के ,
कांटे कहो चुनेगा कौन ।
लेकिन मेरी सुनेगा कौन ।
दिल से दिल के तार मिलाकर ,
सांसें मेरी गुनेगा कौन ।
फूल भरे राहें होंगी तो ,
साथ कोई भी दे देगा ।
लेकिन राहों से बढ़ बढ़ के ,
कांटे कहो चुनेगा कौन ।
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