तन्हाइयों में रात-भर, डसती रही आँखें ।
सो गई दुनिया मगर ,जगती रही आँखें ।
दीवानगी ने हाल , आँखों का वो किया ,
हंसती रही आँखें , कभी रोती रही आँखें ।
सो गई दुनिया मगर ,जगती रही आँखें ।
दीवानगी ने हाल , आँखों का वो किया ,
हंसती रही आँखें , कभी रोती रही आँखें ।
No comments:
Post a Comment