देखी अजीब हमने , दस्तूर मुहब्बत की ,
बेचैन हुआ दिल , जब दर्द ने आफत की ।
हमदर्द बना वो ही , जो दर्द है चाहत की ,
उसने ही दिया दर्द ,उसने ही राहत दी ।
बेचैन हुआ दिल , जब दर्द ने आफत की ।
हमदर्द बना वो ही , जो दर्द है चाहत की ,
उसने ही दिया दर्द ,उसने ही राहत दी ।
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