मुझे दुनियां वाले दीवानी कहेंगे ,
मेरे प्यार को कल कहानी कहेंगे ।
चलेंगी जब भी मुहब्बत की बातें ,
मुझको वफाओं की रानी कहेंगे ।
रिवाजों के झूठे झमेले रहेंगे ,
अपने परायों के मेले रहेंगे ।
नही दिल से तेरी कमी पर मिटेगी ,
अकेले थे और हम अकेले रहेंगे ।
हर बार मंजर बदलते रहेंगे ,
सुबह शाम उगते और ढलते रहेंगे ।
नही घर नही आशियाना हमारा ,
मुसाफिर हैं हम यूँही चलते रहेंगे ।
मेरे प्यार को कल कहानी कहेंगे ।
चलेंगी जब भी मुहब्बत की बातें ,
मुझको वफाओं की रानी कहेंगे ।
रिवाजों के झूठे झमेले रहेंगे ,
अपने परायों के मेले रहेंगे ।
नही दिल से तेरी कमी पर मिटेगी ,
अकेले थे और हम अकेले रहेंगे ।
हर बार मंजर बदलते रहेंगे ,
सुबह शाम उगते और ढलते रहेंगे ।
नही घर नही आशियाना हमारा ,
मुसाफिर हैं हम यूँही चलते रहेंगे ।
No comments:
Post a Comment