दिवाना दिल मेरा अब भी वही धुन गुनगुनाता है ।
उसी को याद करता है जो इसको भूल जाता है ।
जमाने बाद मेरे नाम आई गाँव से चिट्ठी ,
लिखा है लौट के आजा बहुत तू याद आता है ।
मेरे सर पे बहुत इल्जाम आये हैं मुहब्बत में ,
वफ़ा ने पूछा इकतरफा मुहब्बत क्यूँ निभाता है।
मैं तेरे साथ हूँ गम में की कोई साथ हो न हो ,
वो अक्सर कह तो देता है मगर फिर भूल जाता है ।
दिल डरता है फिर रूसवाइयां उसकी न हो जाये ,
खबर दुनियाँ को ना हो वो मेरे ख़ाबों में आता है । ।
उसी को याद करता है जो इसको भूल जाता है ।
जमाने बाद मेरे नाम आई गाँव से चिट्ठी ,
लिखा है लौट के आजा बहुत तू याद आता है ।
मेरे सर पे बहुत इल्जाम आये हैं मुहब्बत में ,
वफ़ा ने पूछा इकतरफा मुहब्बत क्यूँ निभाता है।
मैं तेरे साथ हूँ गम में की कोई साथ हो न हो ,
वो अक्सर कह तो देता है मगर फिर भूल जाता है ।
दिल डरता है फिर रूसवाइयां उसकी न हो जाये ,
खबर दुनियाँ को ना हो वो मेरे ख़ाबों में आता है । ।
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