शिकायत हम करें क्या ,
दिल के गम करें तो क्या ,
दुश्मन हम ही जब दिल के ,
कोई सितम करे तो क्या ।
न हम समझा सके खुद को ,
कोई समझाये क्या मुझ को ,
ये मेरा दिल नही मेरा ,
हम इसका दम भरें तो क्या ।
तड़पता है मचलता है ,
न जगता है न सोता है ,
ये जब मेरी नही सुनता ,
हम आफत कम करें तो क्या ।
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