Saturday, January 25, 2014

कमबख्त इश्क

बेवजह दिल को अपने बेकरार कर आये ।
उनसे नफरत गये करने को प्यार कर आये ।


उसने यूँ मुस्कुरा के देखा भड़े बाजार हमें  ,
नजर -नजर में वार दिल के पार कर आये ।


न अब चैन है , न नींद न करार मुझे ,
कमबख्त इश्क में दिल को बीमार कर आये ।

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