मुहब्बत के भरम जो पाले दिल ने , टूट जाते हैं ,
सफर में साथ चलते हैं राह में , छुट जाते हैं ।
जिन्हें सपनों में सारी रात , शिद्दत से मनाते हैं ,
सुबह जब आँख खुलती है ,वो फिर से रूठ जाते हैं ।
सफर में साथ चलते हैं राह में , छुट जाते हैं ।
जिन्हें सपनों में सारी रात , शिद्दत से मनाते हैं ,
सुबह जब आँख खुलती है ,वो फिर से रूठ जाते हैं ।
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