जब सो जाऊं मै आँखों में नींदों की तरह मिलना ,
जब भीगूँ मैं सावन में तो बूंदों की तरह मिलना |
इक दिन आऊं जब मिलने तुम्हे मैं तोड़ के बंधन ,
उड़ेंगे साथ में साथी , परिंदों की तरह मिलना ।
जब भीगूँ मैं सावन में तो बूंदों की तरह मिलना |
इक दिन आऊं जब मिलने तुम्हे मैं तोड़ के बंधन ,
उड़ेंगे साथ में साथी , परिंदों की तरह मिलना ।
No comments:
Post a Comment