ओ साजन तन्हाई में तेरी याद में दिल घबराता है ,
यादों का इक झोंका आके दिल में दर्द जगाता है ।
क्यूँ परदेशी लौट के अपने देश को आना भूल गये ,
बरस बाद तो बीता मौसम भी वापस आ जाता है ।
यादों का इक झोंका आके दिल में दर्द जगाता है ।
क्यूँ परदेशी लौट के अपने देश को आना भूल गये ,
बरस बाद तो बीता मौसम भी वापस आ जाता है ।
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