अगर तू साथ दे तो जिन्दगी को खास समझेंगे ,
अगर तू छोड़ दे तो जिन्दगी को भूल समझेंगे ।
माना रास्ता मुश्किल बहुत होगा मुहब्बत में ,
अगर तू साथ चल,काँटों को भी फूल समझेंगे ।
जो तुम हाथ को थामे रहोगे हर मुसीबत में ,
बड़े तूफान को भी अपने आगे धूल समझेंगे ।
कहीं जो तुम चले जाओगे राहों में ठुकराकर ,
बिना तेरे हर लम्हे को हम फ़जूल समझेंगे ।
अगर तू छोड़ दे तो जिन्दगी को भूल समझेंगे ।
माना रास्ता मुश्किल बहुत होगा मुहब्बत में ,
अगर तू साथ चल,काँटों को भी फूल समझेंगे ।
जो तुम हाथ को थामे रहोगे हर मुसीबत में ,
बड़े तूफान को भी अपने आगे धूल समझेंगे ।
कहीं जो तुम चले जाओगे राहों में ठुकराकर ,
बिना तेरे हर लम्हे को हम फ़जूल समझेंगे ।