अच्छा है जो मतलब है तो मतलब की बात हो ।
मैं ही न एक मतलबी हूँ सब की बात हो ।
किस - किस ने निभाए हैं कहो जात के उसूल ,
बस ठोकते हैं सीना जब मजहब की बात हो ।
पूछे कोई पंडित से मौलबी से जाके ये ,
देशभक्ति हो या पहले रब की बात हो ।
चर्चों में रहे मखमली गुलाबी होठ ही ,
कभी तो फटे भूखे - सूखे लब की बात हो ।
इंसान को इंसान पे यकीन न रहा ,
फिर कौन सी तहजीब किस अदब की बात हो ।
लिबास दिखावे का सब उतार दे तन से ,
कयामत से भी ज्यादा ये गजब की बात हो ।
मैं ही न एक मतलबी हूँ सब की बात हो ।
किस - किस ने निभाए हैं कहो जात के उसूल ,
बस ठोकते हैं सीना जब मजहब की बात हो ।
पूछे कोई पंडित से मौलबी से जाके ये ,
देशभक्ति हो या पहले रब की बात हो ।
चर्चों में रहे मखमली गुलाबी होठ ही ,
कभी तो फटे भूखे - सूखे लब की बात हो ।
इंसान को इंसान पे यकीन न रहा ,
फिर कौन सी तहजीब किस अदब की बात हो ।
लिबास दिखावे का सब उतार दे तन से ,
कयामत से भी ज्यादा ये गजब की बात हो ।
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