Friday, May 31, 2013

शायरी

आतिशबाजियां तो हुई नही न ही राख हैं न ही आग है ,,


धूं - धूं के फिर क्या जल रहा मेरा दिल है या की चिराग है ।


1 comment:

  1. dhanyawad sir..............m samay milte hi aapke blog pr awashy jaungi..

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