जिसको देखो यहाँ वो ही सलाह देता है ,
यही अच्छा है की यारों हम अक्लमंद नही ।
थोड़े मजबूर हैं हालात के हांथों से अभी ,
जिन्दगी जंग है इससे बड़ी कोई जंग नही ।
अभी तो बंद है मुट्ठी किसे मालूम क्या है ,
अभी तो हमने दिखाए कई और रंग नही ।
इक अकेले भी जिधर चल दूँ जीत लूँ दुनियां ,
क्या फर्क पड़ता है जो तू भी मेरे संग नही ।
गम इतना है तू वादों से मुकर जाता है ,
ये बेवफाई है ये इश्क का कोई ढंग नही ।
मैं जिउंगी भला कैसे मुझे मुहब्बत है ,
दिल को ये दर्द है पर दर्द से दिल तंग नही ।
तू मुकर जायेगा कब तक निभाएगा यारी ,
मैं जानती थी इस हालात से मैं दंग नही ।
यही अच्छा है की यारों हम अक्लमंद नही ।
थोड़े मजबूर हैं हालात के हांथों से अभी ,
जिन्दगी जंग है इससे बड़ी कोई जंग नही ।
अभी तो बंद है मुट्ठी किसे मालूम क्या है ,
अभी तो हमने दिखाए कई और रंग नही ।
इक अकेले भी जिधर चल दूँ जीत लूँ दुनियां ,
क्या फर्क पड़ता है जो तू भी मेरे संग नही ।
गम इतना है तू वादों से मुकर जाता है ,
ये बेवफाई है ये इश्क का कोई ढंग नही ।
मैं जिउंगी भला कैसे मुझे मुहब्बत है ,
दिल को ये दर्द है पर दर्द से दिल तंग नही ।
तू मुकर जायेगा कब तक निभाएगा यारी ,
मैं जानती थी इस हालात से मैं दंग नही ।
No comments:
Post a Comment