Thursday, September 26, 2013

शायरी

तेरे बिना मुझे जन्नत नसीब हो भी तो क्या ,
मेरे लिए तो हर शै में उदासी होगी ।

खुदा मिल जाये भी फिर भी मुहब्बत की कसम ,
तेरे दीदार को तब भी नजर प्यासी होगी । 

No comments:

Post a Comment