तेरे बिना मुझे जन्नत नसीब हो भी तो क्या ,
मेरे लिए तो हर शै में उदासी होगी ।
खुदा मिल जाये भी फिर भी मुहब्बत की कसम ,
तेरे दीदार को तब भी नजर प्यासी होगी ।
मेरे लिए तो हर शै में उदासी होगी ।
खुदा मिल जाये भी फिर भी मुहब्बत की कसम ,
तेरे दीदार को तब भी नजर प्यासी होगी ।
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