तेरी मुस्कान ने दिल को मेरे गुमराह कर डाला ,
सूरत अच्छी लगी सीरत को भी अच्छी समझ बैठे।
अदाएं तेरी,, इक खेल थी,,,, वादें सभी फरेब ,
बड़े नादाँ थे झूठी उल्फत को ही सच्ची समझ बैठे।
सूरत अच्छी लगी सीरत को भी अच्छी समझ बैठे।
अदाएं तेरी,, इक खेल थी,,,, वादें सभी फरेब ,
बड़े नादाँ थे झूठी उल्फत को ही सच्ची समझ बैठे।
No comments:
Post a Comment