Sunday, September 15, 2013

शायरी

तेरी मुस्कान ने दिल को मेरे गुमराह कर डाला ,
सूरत अच्छी लगी सीरत को भी अच्छी समझ बैठे।


अदाएं तेरी,, इक खेल थी,,,, वादें सभी फरेब ,  
बड़े नादाँ थे झूठी उल्फत को ही सच्ची समझ बैठे।

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