वो नही मिलें ,थे हम जिनकी तलाश में ,
मिलने को राहों में कई सिलसिले मिलें ।
तन्हाईयां मिलीं कभी रुसवाईयां मिलीं ,
इश्क के बदले हमें , शिकवे गिले मिलें ।
कह नही पाए किसी से हाले दिल कभी ,
जो भी मिले दोस्त,सभी दिलजले मिलें ।
आया कोई जो पास, मददगार की तरह ,
मतलबी , मौकापरस्त , मनचले मिलें ।
झूठी वफायें दिल को, कभी रास न आई ,
मिलनें को राहों में कई, गुल खिले मिलें ।
दिल ने बना रखा है, उनके यादों का मजार ,
फर्क क्या मजार को न , महफिले मिलें ।
मिलने को राहों में कई सिलसिले मिलें ।
तन्हाईयां मिलीं कभी रुसवाईयां मिलीं ,
इश्क के बदले हमें , शिकवे गिले मिलें ।
कह नही पाए किसी से हाले दिल कभी ,
जो भी मिले दोस्त,सभी दिलजले मिलें ।
आया कोई जो पास, मददगार की तरह ,
मतलबी , मौकापरस्त , मनचले मिलें ।
झूठी वफायें दिल को, कभी रास न आई ,
मिलनें को राहों में कई, गुल खिले मिलें ।
दिल ने बना रखा है, उनके यादों का मजार ,
फर्क क्या मजार को न , महफिले मिलें ।
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